गुरुवार, 26 जनवरी 2012

गोरक्षनाथ संकट मोचन स्तोत्र


गोरक्षनाथ संकट मोचन स्तोत्र

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बाल योगी भये रूप लिए तब, आदिनाथ लियो अवतारोंताहि समे सुख सिद्धन को भयो, नाती शिव गोरख नाम उचारोभेष भगवन के करी विनती तब अनुपन शिला पे ज्ञान विचारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोसत्य युग मे भये कामधेनु गौ तब जती गोरखनाथ को भयो प्रचारोंआदिनाथ वरदान दियो तब , गौतम ऋषि से शब्द उचारोत्रिम्बक क्षेत्र मे स्थान कियो तब गोरक्ष गुफा का नाम उचारो को नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोसत्य वादी भये हरिश्चंद्र शिष्य तब, शुन्य शिखर से भयो जयकारोंगोदावरी का क्षेत्र पे प्रभु ने , हर हर गंगा शब्द उचारोयदि शिव गोरक्ष जाप जपे , शिवयोगी भये परम सुखारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोअदि शक्ति से संवाद भयो जब , माया मत्सेंद्र नाथ भयो अवतारोंताहि समय प्रभु नाथ मत्सेंद्र, सिंहल द्वीप को जाय सुधारोराज्य योग मे ब्रह्म लगायो तब, नाद बंद को भयो प्रचारोंको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोआन ज्वाला जी किन तपस्या , तब ज्वाला देवी ने शब्द उचारोले जती गोरक्षनाथ को नाम तब, गोरख डिब्बी को नाम पुकारोशिष्य भय जब मोरध्वज राजा ,तब गोरक्षापुर मे जाय सिधारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोज्ञान दियो जब नव नाथों को , त्रेता युग को भयो प्रचारोंयोग लियो रामचंद्र जी ने जब, शिव शिव गोरक्ष नाम उचारोनाथ जी ने वरदान दिया तब, बद्रीनाथ जी नाम पुकारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोगोरक्ष मढ़ी पे तपस्चर्या किन्ही तब, द्वापर युग को भयो प्रचारोंकृष्ण जी को उपदेश दियो तब, ऋषि मुनि भये परम सुखारोपाल भूपाल के पालनते शिव , मोल हिमाल भयो उजियारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारो
ऋषि मुनि से संवाद भयो जब , युग कलियुग को भयो प्रचारों
कार्य मे सही किया जब जब राजा भरतुहारी को दुःख निवारो,ले योग शिष्य भय जब राजा, रानी पिंगला को संकट तारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोमैनावती रानी ने स्तुति की जब कुवा पे जाके शब्द उचारोराजा गोपीचंद शिष्य भयो तब, नाथ जालंधर के संकट तारो। ।नवनाथ चौरासी सिद्धो मे , भगत पूरण भयो परम सुखारोको नही जानत है जग मे जती गोरखनाथ है नाम तुम्हारोदोहा :- नव नाथो मे नाथ है , आदिनाथ अवतारजती गुरु गोरक्षनाथ जो , पूर्ण ब्रह्म करतारसंकट -मोचन नाथ का , सुमरे चित्त विचारजती गुरु गोरक्षनाथ जी मेरा करो निस्तारअल्लख निरंजनआदेश र्हीम र्हाम रक्ष रक्ष शिव गोरक्ष

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